SHREE RAMDEVJI KA VIVAH

बाबा रामदेव जी ने संवत् १४२५ में रूणिचा बसाकर अपने माता पिता की सेवा में जुट गए इधर रामदेव जी की माता मैणादे एक दिन अपने पति राजा अजमल जी से कहने लगी कि अपना राजकुमार बड़ा हो गया है अब इसकी सगाई कर दीजिये ताकि हम भी पुत्रवधु देख सकें। जब बाबा रामदेव जी (द्वारकानाथ) ने जन्म (अवतार) लिया था उस समय रूक्मणी को वचन देकर आये थे कि मैं तेरे साथ विवाह रचाउंगा। संवत् १४२६ में अमर कोट के ठाकुर दल जी सोढ़ की पुत्री नैतलदे के साथ श्री रामदेव जी का विवाह हुआ।

"जय बाबा रामदेव जी री"
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